एक दिन बाद्शाह अकबर ने कागज़ पर पैन्सिल् से एक लम्बी लकीर खीची और बीरबल को बुला कर कहा- बीरबल न तो यह लकीर घटाई जाए और न ही मिटाई जाए लेकिन छोटी हो जाए? बीरबल ने फौरन उस लकीर के नीचे एक दुसरी लकीर पैंसिल से बडी खीच दी । यह देखिए जहांपना ! बीरबल बोले- अब आप की लाकीर इस से छोटी हो गयी। बादशाह यह देखकर खुश हुए और मन ही मन उन की अकल की दाद देने लगे।
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एक दिन बादशाह ने दरबारियों से पूछा कि हर समय कौन चलता है उत्तर मे किसी ने पृथ्वी, किसी ने चन्द्रमा को बताया तथा किसी ने हवा आदि को बताया ।बादशाह ने यह प्रश्न बीरबल से पूछा तो उन्होने उत्तर दिया कि अली जहां ! महाजन का ब्याज हर समय चलता रह्ता है इसे कभी थकावट नही होती। दिन दुगनी और रात चौगुनी वेग से चलता है । बाद्शाह को यह उत्तर पसंद आया।
10 comments:
अति रोचक
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चाँद, बादल और शाम
अच्छे किस्से हैं !!
bahut khub:)
पुनरावृत्ति लगी, कारण कि कई बार सुन और पढ़ चुका हूँ, फिर भी ये किस्से ऐसे कि जितनी बार भी सुनो या पढो रोचक और मजेदार ही लगते हैं.
गुदगुदाने का आभार.
mann prasan hua.......
very good..thanks for showing this..
zindgi me hasna sikho rona nahi 9212072503
bhut aache kise ha mujhe bhut pasand aayte ha ???????? kya aap ko bhi pasand ha ?????
yeh kisse bhut aache ha ??? very nice kisse
very good
http://hindianswer.blogspot.com/
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