Saturday, July 18, 2009

अकबर-बीरबल के किस्से

बाद्शाह अकबर को ठ्ट्ठेबाजी का बहुत शौक था और देव् योग से बीरबल भी बडा ठ्ट्ठेबाज़ था।

एक बार बाद्शाह ने हँसी मे बीरबल के जुते उठ्वा लिए। चलते-चलते बीरबल जूते ढूंढ्ने लगे। जब जूते न मिला तो अकबर ने सेवक से कहा - अच्छा, हमारी ओर से इन को जूते दे दो।

यह सुन सेवक ने जूते पहना दिया। बीरबल ने जूते पहन कर आर्शीवाद दिया कि परमेश्वर आप को इस लोक और परलोक में ऐसे हज़ारो जूते दे।

सुनते ही अकबर खिलखिला कर हँस पडे।

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बीरबल को तम्बाकू खाने की आदत थी, लेकिन अकबर न खाते थे।

एक दिन अकबर ने तम्बाकू के खेत मे गधे को घास खाते देखकर कहा- बीरबल, ये देखो, तम्बाकू कैसी बुरी चीज है, गधे तक इसको नही खाते ।
इस पर बीरबल ने कहा- हाँ हुजुर सच है । गधे तम्बाकू नही खाते ।

यह सुन बाद्शाह शर्मिन्दा हुऐ।

16 comments:

निर्मला कपिला said...

वाह वाह बहुत खूब आभार्

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

वाह्! बहुत बढिया....बीरबल की हाजिरजवाबी का तो कोई जवाब ही नहीं।

mehek said...

mazedar:):)

Udan Tashtari said...

हा हा!! मजेदार.

राजीव तनेजा said...

वाह!...बचपन में पढे किस्से याद आ गया

Anonymous said...

अच्छा प्रयास.... आपकी इस कोशिश से भूले-बिसरे अकबर बीरबल के किस्से फिर से याद आने लगे...
शुभकामनायें...

Unknown said...

अच्छा प्रयास.... आपकी इस कोशिश से भूले-बिसरे अकबर बीरबल के किस्से फिर से याद आने लगे...
शुभकामनायें...

Unknown said...

आपकी इस कोशिश से भूले-बिसरे अकबर बीरबल के किस्से फिर से याद आने लगे...

Unknown said...

bahut kub

Unknown said...

very funny

Unknown said...

very good

Unknown said...

Maje Aa gaye Guru bahut bhadiya

Vansh said...

mast

Anonymous said...

bahut majedar

Anonymous said...

akhber aur berbal ke kisso ki bat hi kuch aur hai enjoy gise

Pawan kumar roach said...

akbar birbal ke kisse pur ker anand aa gya.