बाद्शाह अकबर को ठ्ट्ठेबाजी का बहुत शौक था और देव् योग से बीरबल भी बडा ठ्ट्ठेबाज़ था।
एक बार बाद्शाह ने हँसी मे बीरबल के जुते उठ्वा लिए। चलते-चलते बीरबल जूते ढूंढ्ने लगे। जब जूते न मिला तो अकबर ने सेवक से कहा - अच्छा, हमारी ओर से इन को जूते दे दो।
यह सुन सेवक ने जूते पहना दिया। बीरबल ने जूते पहन कर आर्शीवाद दिया कि परमेश्वर आप को इस लोक और परलोक में ऐसे हज़ारो जूते दे।
सुनते ही अकबर खिलखिला कर हँस पडे।
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बीरबल को तम्बाकू खाने की आदत थी, लेकिन अकबर न खाते थे।
एक दिन अकबर ने तम्बाकू के खेत मे गधे को घास खाते देखकर कहा- बीरबल, ये देखो, तम्बाकू कैसी बुरी चीज है, गधे तक इसको नही खाते ।
इस पर बीरबल ने कहा- हाँ हुजुर सच है । गधे तम्बाकू नही खाते ।
यह सुन बाद्शाह शर्मिन्दा हुऐ।
16 comments:
वाह वाह बहुत खूब आभार्
वाह्! बहुत बढिया....बीरबल की हाजिरजवाबी का तो कोई जवाब ही नहीं।
mazedar:):)
हा हा!! मजेदार.
वाह!...बचपन में पढे किस्से याद आ गया
अच्छा प्रयास.... आपकी इस कोशिश से भूले-बिसरे अकबर बीरबल के किस्से फिर से याद आने लगे...
शुभकामनायें...
अच्छा प्रयास.... आपकी इस कोशिश से भूले-बिसरे अकबर बीरबल के किस्से फिर से याद आने लगे...
शुभकामनायें...
आपकी इस कोशिश से भूले-बिसरे अकबर बीरबल के किस्से फिर से याद आने लगे...
bahut kub
very funny
very good
Maje Aa gaye Guru bahut bhadiya
mast
bahut majedar
akhber aur berbal ke kisso ki bat hi kuch aur hai enjoy gise
akbar birbal ke kisse pur ker anand aa gya.
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