Monday, April 20, 2009

छतरी में छेंद


दो सरदारों को दो बम मिले,
पहला सरदार - चल पुलिस को देकर आते हैं.
दूसरा सरदार - अगर कोई बम रास्ते में फट गया तो?
पहला सरदार - झूट बोल देंगे की एक ही मिला था.
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पुलिस - तुम्हे कल सुबह ५ बजे फासी दी जायेगी.
सरदार - हा हा हा हा!
पुलिस - क्यों हंस रहे हो?
सरदार - मैं तो उठता ही सुबह ९ बजे हूँ.
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सरदार – डॉक्टर साहिब, मुझे एक प्रॉब्लम है.
डॉक्टर - क्या?
सरदार - बात करते वक्त आदमी दिखाई नही देता.
डॉक्टर - ऐसा कब होता है?
सरदार - फ़ोन करते वक्त.
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एक सरदार की छतरी में छेंद था।
किसी ने पूछा – अम्ब्रेल्ला में होल क्यूँ?
सरदार बोला - ओये बारिश रुक जायेगी तो पता कैसे चलेगा।
…with spl.thanks to Anu

7 comments:

आलोक सिंह said...

बहुत खूब मजा आ गया
:)

mehek said...

ha ha bahut khbu:)

RAJIV MAHESHWARI said...

काफी दिनों बाद ..........हा.हा.हा.हा.
मजा आगया ......

समयचक्र said...

bahut badhiya majedaar jog hai . dhanyawad.

Udan Tashtari said...

मजेदार// हा हा!!

Sajal Ehsaas said...

ye blog ek achha prayaas hai...isko aur active banaaye

राजीव तनेजा said...

आज तो बहुत हँस लिए गुरू जी...