Friday, January 9, 2009

मैं घर पर हूँ या नहीं?


एक बार दो मालिक अपने बेवकूफ नौकरों की बेवकूफी की बात कर रहे थे।

एक ने कहा,' तुझे पता है, मेरा ड्राईवर कितना बेवकूफ है।

अपने नौकर की बेवकूफी दिखाने के लिए पहले मालिक ने अपने ड्राईवर को बुलाया और १०० रुपये का नोट देते हुए कहा, ' जा और एक कार खरीद कर ला'।

नौकर १०० रुपया ले कर चला गया।

अब पहले मालिक ने दुसरे से कहा,' देखा मेरा नौकर कितना बेवकूफ है।

इस पर दुसरे मालिक ने कहा,' बस, यह तो कुछ भी नहीं है।

ऐसा कहकर उसने अपने नौकर को बुलाया और कहा,' जा घर जाकर देखकर आ कि मैं घर पर हूँ कि नहीं???

इतना सुनकर नौकर चला गया।

रास्ते में दोनों नौकर मिले और एक दुसरे को अपने मालिकों की बेवकूफी बताने लगे।

पहला बोला,' मेरा मालिक इतना बेवकूफ है कि १०० रुपये में खरीदने को कहता है लेकिन उसे पता नहीं कि आज सन्डे है और कार शोरूम बंद है।

इतना कहते ही दूसरा नौकर बोला,' मेरा मालिक तो इससे भी बेवकूफ है।

पहला बोला ,' वो कैसे ???'

इस पर पहला बोला, 'मेरे मालिक ने मुझे किराया देकर घर भेजा है और बोला है ,'घर जाकर देख कर आ, 'मैं घर पर हूँ या नहीं?? ....है न मेरा मालिक बेवकूफ, वरना मोबाइल से फ़ोन करके भी पूछ सकता था कि मैं घर पे हूँ या नहीं।

3 comments:

विनोद श्रीवास्तव said...

मौलिक और नया जोक. मुझे तो दोनों मालिक ही ज्यादा बेवकूफ लगे, एक तो ऐसे नौकर रखे, फ़िर रख लिया तो रख लिया उनके "गुणों" का ढिढोरा भी पीटना शुरू कर दिया.
विनोद श्रीवास्तव

RAJIV MAHESHWARI said...

शानदार- जानदार जोक मारा है ............मजा आगया.
राजीव MAHESHWARI

मोहन वशिष्‍ठ said...

शानदार उत्‍तम अति उत्‍तम