tag:blogger.com,1999:blog-81385033226931207822024-02-19T09:06:49.618-08:00गुदगुदीआज-कल की तेज रफ़्तार, भागम-भाग भरी व्यस्त ज़िन्दगी में कुछ पल के लिए सब कुछ भूलकर हँसना भी ज़रूरी है. गुदगुदी एक हास्य पत्रिका है जो ढेर सारे प्यारे प्यारे रंगीले चुटकुलों और हंसगुल्लों का खजाना है. यहाँ सीरियस/ गंभीर होना मना है, केवल हसना है. गुदगुदी में आप का स्वागत है...Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-34236784726441783462010-01-11T23:10:00.000-08:002010-01-11T23:18:11.697-08:00रावण बेहोस हो गया<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhgMTgul2SWsU6hpmVCL-yQCkt6eFI6vMzCvFSMnL0c9It3r2MzIeKksrqzXuTJc5jFovtGVJ1IiIE48jU8MRTHCZsxc8p8XImbZq5QuWgU9y-sluWqhfOiYw6xDHmITBWT9anoVAjfiGM/s1600-h/laughing_blond[3].jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5425749177082772770" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; WIDTH: 200px; CURSOR: hand; HEIGHT: 200px; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhgMTgul2SWsU6hpmVCL-yQCkt6eFI6vMzCvFSMnL0c9It3r2MzIeKksrqzXuTJc5jFovtGVJ1IiIE48jU8MRTHCZsxc8p8XImbZq5QuWgU9y-sluWqhfOiYw6xDHmITBWT9anoVAjfiGM/s400/laughing_blond%5B3%5D.jpg" border="0" /></a><br /><div><span style="font-size:130%;color:#009900;"></span></div><span style="font-size:130%;"><span style="color:#009900;">एक दिन रावण डिस्को गया.<br /><br />और वहाँ जाकर वह बेहोश हो गया.<br /><br />क्यूँ? …………<br /><br />क्योकि…. वहाँ गेट पर लिखा था, “एंट्री फीस रू0. 1500/- पर हेड ”<br /><br />---------------------------------<br /><br />ब्राड पीट और विद्या बालन की शादी हुई.<br /><br />शादी के बाद, ढेर सारे स्टूडेन्ट्स उनके घर इकट्ठे हुए….. क्यूँ?<br /><br />…क्योकि अब उसका नाम विद्या पीट (विद्यापीठ) हो गया.<br /><br />-------------------------------<br /><br /><br />राहुल गाँधी - मोम, आपकी वजह से मेरी शादी नहीं हो पा रही........<br />सोनिया गाँधी - क्यूँ बेटा?<br />राहुल गाँधी - हर तरफ तो लिखा हैं कि सोनिया को बहुमत (बहू मत) दो.<br /><br />---------------------------<br /><br />ब्रूसली एक ग्रेट आदमी था.<br /><br />लेकिन जब उसकी सिस्टर ने एक बच्चे को जन्म दिया, वह एक आम आदमी हो गया…… क्यों?<br /><br />…क्योकि अब वह मामू ली (मामूली) हो गया.<br /><br />-------------------------------<br /><br /><br />संता और बंता आपस में बहस <span class="">कर </span>रहे थे…<br /><br />संता – यदि में काफी पीता हूँ तो में सो नहीं सकता।<br /><br />बंता – मेरे साथ तो इसका ठीक उल्टा होता हैं। यदि में सोता हूँ तो में काफी नहीं पी सकता। </span></span>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-23921500200986419752009-07-24T23:42:00.000-07:002009-07-24T23:46:35.022-07:00छिलका रख, केला दे...मारवाडी: केला कैसे देगा?
<br />
<br />फल वाला: १ रुपैया।
<br />
<br />मारवाडी: ६० पैसा का देता है?
<br />
<br />फल वाला: ६० पैसे में तो सिर्फ़ छिलका मिलेगा।
<br />
<br />मारवाडी: ले ४० पैसे, छिलका रख और केला दे दे।
<br />Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-60364019755926723402009-07-23T22:28:00.000-07:002009-07-23T22:31:17.131-07:00अकबर-बीरबल के किस्से<span style="font-size:130%;color:#006600;"></span><br /><p><span style="font-size:130%;color:#006600;">एक दिन बाद्शाह अकबर ने कागज़ पर पैन्सिल् से एक लम्बी लकीर खीची और बीरबल को बुला कर कहा- बीरबल न तो यह लकीर घटाई जाए और न ही मिटाई जाए लेकिन छोटी हो जाए? बीरबल ने फौरन उस लकीर के नीचे एक दुसरी लकीर पैंसिल से बडी खीच दी । यह देखिए जहांपना ! बीरबल बोले- अब आप की लाकीर इस से छोटी हो गयी। बादशाह यह देखकर खुश हुए और मन ही मन उन की अकल की दाद देने लगे।</span></p><p><span style="font-size:130%;color:#006600;">------------------------</span></p><p><span style="font-size:130%;color:#006600;">एक दिन बादशाह ने दरबारियों से पूछा कि हर समय कौन चलता है उत्तर मे किसी ने पृथ्वी, किसी ने चन्द्रमा को बताया तथा किसी ने हवा आदि को बताया ।बादशाह ने यह प्रश्न बीरबल से पूछा तो उन्होने उत्तर दिया कि अली जहां ! महाजन का ब्याज हर समय चलता रह्ता है इसे कभी थकावट नही होती। दिन दुगनी और रात चौगुनी वेग से चलता है । बाद्शाह को यह उत्तर पसंद आया।</span></p>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com10tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-7662591712168754022009-07-21T00:40:00.000-07:002009-07-21T00:45:24.424-07:00...किस लिये जिंदा हो<p><span style="font-size:130%;color:#009900;">गबरू - यार में सोच रहा हूँ की अमेरिका घूम आऊ<br />झबरू - कितने पैसे लगते है?<br />गबरू - कुछ भी नहीं </span></p><p><span style="color:#009900;"><span style="font-size:130%;">झबरू - कैसे ?<br />गबरू - सोचने के कभी पैसे दिए है ?</span></span></p><p><span style="font-size:130%;color:#009900;">--------------------------</span></p><p><br /><span style="font-size:130%;color:#009900;">गबरू - यार तू तो डॉक्टर के पास जाने वाला था ना?</span></p><p><span style="color:#009900;"><span style="font-size:130%;">झबरू - हाँ यार लेकिन आज तबीयत थोड़ी खराब लग रही<br />है, कल जाऊँगा </span></span></p><p><span style="font-size:130%;color:#009900;">---------------------------------</span></p><p><span style="font-size:130%;color:#009900;">एक बुजुर्ग अपनी जिंदगी का राज बता रहे थे..<br />मेरी उम्र 80 साल है मगर मैंने कभी सिगरेट नही पी, शराब नही पी, जुआ नही खेला और कभी किसी औरत की तरफ आंख उठाकर नही देखा।</span></p><p><span style="color:#009900;"><span style="font-size:130%;">सुनने वाला बोला- बाबा जी मुझे हैरत है कि फिर आप इतने साल से किस लिये जिंदा हो। </span></span></p>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-73354557621795909362009-07-18T00:25:00.000-07:002009-07-18T00:29:58.440-07:00अकबर-बीरबल के किस्से<p>बाद्शाह अकबर को ठ्ट्ठेबाजी का बहुत शौक था और देव् योग से बीरबल भी बडा ठ्ट्ठेबाज़ था।</p><p>एक बार बाद्शाह ने हँसी मे बीरबल के जुते उठ्वा लिए। चलते-चलते बीरबल जूते ढूंढ्ने लगे। जब जूते न मिला तो अकबर ने सेवक से कहा - अच्छा, हमारी ओर से इन को जूते दे दो।</p><p>यह सुन सेवक ने जूते पहना दिया। बीरबल ने जूते पहन कर आर्शीवाद दिया कि परमेश्वर आप को इस लोक और परलोक में ऐसे हज़ारो जूते दे। </p><p>सुनते ही अकबर खिलखिला कर हँस पडे।</p><p>-----------------------------</p><p>बीरबल को तम्बाकू खाने की आदत थी, लेकिन अकबर न खाते थे।</p><p>एक दिन अकबर ने तम्बाकू के खेत मे गधे को घास खाते देखकर कहा- बीरबल, ये देखो, तम्बाकू कैसी बुरी चीज है, गधे तक इसको नही खाते ।<br />इस पर बीरबल ने कहा- हाँ हुजुर सच है । गधे तम्बाकू नही खाते । </p><p>यह सुन बाद्शाह शर्मिन्दा हुऐ।</p>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com16tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-65568384965630832422009-07-17T02:00:00.000-07:002009-07-17T02:18:43.884-07:00वासिम भाई पानी लाओ<span style="font-size:130%;">एक दिन एक लेडी दूकान से तोता खरीदने गई....<br />उसने दुकानदार से कहा- वासिम भाई, एक तोता चाहिए....<br />दुकानदार ने उसे एक तोता दिखाया....<br />लेडी ने पूछा- इस तोते की ख़ास बात क्या है वासिम भाई? ...<br />दुकानदार बोला- ये तोता बोलता है…<br />लेडी ने कहा- अच्छा….<br />उसने तोते से पूछा- मैं तुम्हे कैसी लगती हूँ?<br />"बहन की लौंडी रंडी लगती है" -तोते ने कहा.<br />लेडी ने कहा- वासिम भाई, ये तो बहुत बदतमीज तोता है, गाली देता है….<br />वासिम भाई उसे अंदर ले गया और पानी में डुबाया और पूछा...<br />गाली देगा... ?<br />तोता- हाँ… दूंगा<br />वासिम ..फिर डुबाया और पूछा- गाली देगा?<br />तोता - हाँ… दूंगा<br />वासिम ने फिर पानी में डुबाया और कहा- .गाली देगा...?<br />इस बार तोता मान गया और कहा- नही दूंगा भाई, नही दूंगा,,,,,<br />वो उसे बाहर ले गया और लेडी से कहा- ये अब गाली नही देगा..<br />तब लेडी ने उससे पूछा ...<br />अगर मेरे घर पर मेरे साथ एक आदमी आये तो तुम क्या सोचोगे?<br />तोते ने कहा - ...कि तुम्हारा पति होगा..<br />लेडी - अगर दो आदमी आये तो क्या?<br />तोता - तुम्हारा पति और देवर,<br />लेडी - अगर तीन आदमी ..?<br />तोता - तुम्हारा पति, देवर और भैया.<br />लेडी - अगर चार आदमी आये तो...?<br />तोता...... -<br />,<br />.<br />,.<br />,.<br />.<br />.,वासिम भाई पानी लाओ...<br />मैंने तो पहले ही कहा था कि...<br />"बहन की लौंडी रंडी है".</span><br /><p> </p><p>With.spl.thks to Amit</p>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-65008023052419241972009-06-08T00:11:00.000-07:002009-06-08T00:26:09.088-07:00फ़िर टेंशन ? टेंशन ही टेंशन<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjeFyL22vNQKhN8tLza-sZ0tJXmv6t_dAOnqXrl530BWZDAih1OqDNEDASVGtLUYa5nW1bFPyJSqzN3yNELVTcZJVRqw6P64eRl6fJGXuWGa1iR6Y6VJCikEFTUqOWta4nATXBQCNxDaao/s1600-h/2640514-3-tension.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5344853850652174898" style="FLOAT: right; MARGIN: 0px 0px 10px 10px; WIDTH: 320px; CURSOR: hand; HEIGHT: 214px" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjeFyL22vNQKhN8tLza-sZ0tJXmv6t_dAOnqXrl530BWZDAih1OqDNEDASVGtLUYa5nW1bFPyJSqzN3yNELVTcZJVRqw6P64eRl6fJGXuWGa1iR6Y6VJCikEFTUqOWta4nATXBQCNxDaao/s320/2640514-3-tension.jpg" border="0" /></a><br /><div><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">आप बहुत टेंशन में <span class="">थे,</span> बीवी ने जल्दी बुलाया था घर पर आप लेट हो गए आपको टेंशन हो रही थी कि घर पर क्या होगा, रास्ते में आपसे लड़की ने लिफ्ट <span class="">मांगी,</span> आपने इंसानियत के नाते लिफ्ट दे दी मगर वो एक लड़की थी इसलिए आपको टेंशन हो रही <span class="">थी। </span>रास्ते में लड़की की तबियत ख़राब हो <span class="">गई। </span>आपको फिर <span class="">टेंशन। </span>आप उसको हॉस्पिटल ले <span class="">गए। </span>डॉक्टर <span class="">बोला-</span> आप बाप बनाना वाले हो, आपको और <span class="">टेंशन। </span>आप <span class="">बोले-</span> मैं इनका बाप नही हूँ। आप लड़की से पूछ<span class=""> <span class="">लो। </span></span>फिर लड़की <span class="">बोली-</span> यही इस बच्चे का बाप <span class="">है। </span>आपको और <span class="">टेंशन। </span>फिर पुलिस <span class="">आई,</span> आपका मेडिकल <span class="">करवाया,</span> रिपोर्ट आई कि आप तो कभी बाप बन ही नही <span class="">सकते। </span>आप ने भगवान का शुक्रिया अदा किया और आप खुशी खुशी बाहर आ गए और फिर सोचा कि घर पर जो दो बच्चे <span class="">है...</span> वो किसके <span class="">है ???</span> ...आपको फिर से टेंशन। </span></span></div><div><span style="font-size:130%;color:#006600;"></span> </div><div><span style="font-size:130%;color:#006600;">क्या सोच रहे हो ??? वो आप नही हो.... हा...हा...हा...हा...</span></div>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-34768334158009492532009-06-03T01:11:00.000-07:002009-06-03T01:29:27.962-07:00ए. जी. ...अबे गधे<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg_mG2GD0jYyZyQvEx0luMAqCmz5z-lVcQMa_k1KkwC4Ho1wJ2RUiZzLkcQ1SymAd_aW9l7Ba_04FACAJo3QIGIsiAA6Ua6eVTvJlO4KPWy_Nv3gc0g86Ip8NWFz3kkNkHIeAy6Kp3scW4/s1600-h/moving+pic..bmp"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5343015069524670786" style="FLOAT: right; MARGIN: 0px 0px 10px 10px; WIDTH: 288px; CURSOR: hand; HEIGHT: 132px" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg_mG2GD0jYyZyQvEx0luMAqCmz5z-lVcQMa_k1KkwC4Ho1wJ2RUiZzLkcQ1SymAd_aW9l7Ba_04FACAJo3QIGIsiAA6Ua6eVTvJlO4KPWy_Nv3gc0g86Ip8NWFz3kkNkHIeAy6Kp3scW4/s400/moving+pic..bmp" border="0" /></a><br /><div><span style="font-size:130%;color:#009900;"></span></div><br /><p><span style="font-size:130%;color:#009900;">गबरू - ये बीवियाँ अपने पति को "ए <span class="">जी...</span>" क्यों कहती हैं? </span></p><br /><p><span style="color:#009900;"><span style="font-size:130%;">झबरू <span class="">- क्योंकि</span> बीवियाँ संस्कारी होती हैं और सबके सामने <span style="color:#ff0000;">"अबे गधे"</span> नहीं कह <span class="">सकती,</span> इसलिए संक्षिप्त रूप (short form) में बुलाती <span class="">हैं...</span> <span class="">ऐ जी... </span>सुनते हो ???</span></span></p>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-35631023674171622562009-05-13T22:54:00.000-07:002009-05-13T23:00:04.879-07:00कैसे हो?...मजे में<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjDBuFT-spUToBv_8IVVgGiKV9mVrLcoyZl6Q8yP37hBTCk02NgqbZBXYAQyeUg289hvqwBrOzcZr6ceKgebYR0XYNe-gadl2gPpi_Q3fSA4DQDuY6UVthPyFunE9wQ0XaptyvxzFfi3jw/s1600-h/Smiles.bmp"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5335555310241572018" style="FLOAT: right; MARGIN: 0px 0px 10px 10px; WIDTH: 320px; CURSOR: hand; HEIGHT: 241px" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjDBuFT-spUToBv_8IVVgGiKV9mVrLcoyZl6Q8yP37hBTCk02NgqbZBXYAQyeUg289hvqwBrOzcZr6ceKgebYR0XYNe-gadl2gPpi_Q3fSA4DQDuY6UVthPyFunE9wQ0XaptyvxzFfi3jw/s320/Smiles.bmp" border="0" /></a><br /><div><span style="font-size:130%;color:#990000;"><strong></strong></span></div><br /><p><span style="color:#990000;"><strong><span style="font-size:130%;">खिड़की से देखा तो रस्ते पे कोई नही था,<br />खिड़की से देखा तो रस्ते पे कोई नही था,<br />रस्ते पे जा के देखा तो खिड़की पे कोई नही था...</span></strong></span></p><br /><p><span style="color:#990000;"><strong><span style="font-size:130%;">---------------------------------------<br /><br />जब बारिश होती है, तुम याद आते हो.<br />जब काली घटा छाई, तुम याद आते हो,<br />जब भीगते हैं, तुम याद आते हो,<br />बताओ मेरा छाता कब वापस करोगे?<br />--------------------------------------<br /><span class=""></span></span></strong></span></p><br /><p><span style="color:#990000;"><strong><span style="font-size:130%;"><span class="">कैसे </span>हो?<br />मज़े में?<br />तबियत कैसी है?<br />ऊँगली में दर्द नही न?<br />आँख भी ओ.के.?<br />दिमाग ठिकाने? </span></strong></span></p><br /><p><span style="color:#990000;"><strong><span style="font-size:130%;">कमाल है यार, फ़िर तो कमेन्ट कर सकते हो!</span></strong></span></p>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-20781509859646709982009-05-12T22:19:00.000-07:002009-05-12T22:20:39.346-07:00मामू<strong><span style="font-size:130%;"><span style="color:#009900;">वो आज भी हमे देख कर मुस्कुराते हैं।<br />वो आज भी हमे देख कर मुस्कुराते हैं॥<br />यह तो उनके बच्चे ही कमीने हैं,<br />जो मामा मामा कहके बुलाते हैं॥ </span></span></strong>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-27955561078501655652009-04-20T23:44:00.000-07:002009-04-20T23:49:43.832-07:00छतरी में छेंद<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiWOMAKu52kV9BH6op0SPOabQomjKpOmrr83UpG9v-qRL-mBf39Lj8BF3_inWd0cndYGsbxMyp3Xi-eRuFT00r0CIjd7VW_tPxlF4PTardpawlBQCei2FEfQV8JnLDZD67UEfQ_Ui_rm98/s1600-h/sardarji.gif"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5327033058756669874" style="FLOAT: right; MARGIN: 0px 0px 10px 10px; WIDTH: 88px; CURSOR: hand; HEIGHT: 109px" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiWOMAKu52kV9BH6op0SPOabQomjKpOmrr83UpG9v-qRL-mBf39Lj8BF3_inWd0cndYGsbxMyp3Xi-eRuFT00r0CIjd7VW_tPxlF4PTardpawlBQCei2FEfQV8JnLDZD67UEfQ_Ui_rm98/s400/sardarji.gif" border="0" /></a><br /><div><span style="color:#006600;"><span style="font-size:130%;"><strong>दो सरदारों को दो बम मिले,<br />पहला सरदार - चल पुलिस को देकर आते हैं.<br />दूसरा सरदार - अगर कोई बम रास्ते में फट गया तो?<br />पहला सरदार - झूट बोल देंगे की एक ही मिला था.<br />--------------------------------------------<br />पुलिस - तुम्हे कल सुबह ५ बजे फासी दी जायेगी.<br />सरदार - हा हा हा हा!<br />पुलिस - क्यों हंस रहे हो?<br />सरदार - मैं तो उठता ही सुबह ९ बजे हूँ.<br />--------------------------------------------<br />सरदार – डॉक्टर साहिब, मुझे एक प्रॉब्लम है.<br />डॉक्टर - क्या?<br />सरदार - बात करते वक्त आदमी दिखाई नही देता.<br />डॉक्टर - ऐसा कब होता है?<br />सरदार - फ़ोन करते वक्त.<br />--------------------------------------------<br />एक सरदार की छतरी में छेंद था।<br />किसी ने पूछा – अम्ब्रेल्ला में होल क्यूँ?<br />सरदार बोला - ओये बारिश रुक जायेगी तो पता कैसे चलेगा। </strong></span></span></div><div><strong><span style="font-size:130%;color:#006600;"></span></strong> </div><div>…with spl.thanks to Anu </div>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com7tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-16148485690418539802009-04-08T23:42:00.000-07:002009-04-08T23:48:19.540-07:00असली रावण कौन??...<span style="font-size:130%;color:#006600;"><strong></strong></span><br /><p><span style="color:#006600;"><strong><span style="font-size:130%;">बनिए की पत्नी बीमार थी, लाईट न होने की वजह से उसने कैंडल जला दी और बोला: डॉक्टर को लेने जा रहा हूँ, अगर तुम्हे लगे की तुम नहीं बचोगी तो प्लीज़ कैंडल बुझा देना। </span></strong></span></p><p><span style="font-size:130%;color:#006600;"><strong>---------------------------------<br />बहु: माँ जी, ये अभी तक नहीं आए, कहीं किसी दूसरी लड़की के साथ... </strong></span></p><p><span style="color:#006600;"><strong><span style="font-size:130%;">सास: अरे कलमुही, तू हमेशा उल्टा क्यूँ सोचती है? ऐसा भी तो हो सकता है की किसी ट्रक के नीचे आ गया हो। </span></strong></span></p><p><span style="font-size:130%;color:#006600;"><strong>---------------------------------</strong></span></p><p><span style="color:#006600;"><strong><span style="font-size:130%;">इंडियन एयर्लाइन्स स्लोगन: A warm experience & motherly treatment... warm मतलब ए.सी. काम नही करता है और <span class="">motherly </span>क्योकि एयर होस्टेस ५० से ऊपर की हैं।</span></strong></span></p><p><span style="font-size:130%;color:#006600;"><strong>--------------------------------</strong></span></p><p><span style="font-size:130%;color:#006600;"><strong>रावण की २० आँखें थी मगर नज़र सिर्फ़ एक औरत पे, जब की आपकी २ आँखें हैं और नज़र हर लड़की पे... तो असली रावण कौन??...बोलो बोलो<br /></strong></span></p>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-80211648092498912532009-03-29T23:15:00.000-07:002009-03-29T23:24:49.674-07:00गोलू का गोल जवाबसुरेश- नरेश, तुम बड़े होकर क्या बनोगे?<br />नरेश - जानवरों का डॉक्टर.<br />सुरेश - पर जानवरों का डॉक्टर ही क्यों?<br />नरेश - क्योकि जानवर पलटकर कभी शिकायत नहीं करते. <br /><br />--------------------------------------------<br /><br />एक आदमी - क्या आप अंग्रेजी समझते हैं?<br />दूसरा - हाँ, अगर वो हिंदी में लिखा हो तो.<br /><br />-------------------------------------------<br /><br />टीचर - बताओ, हवाई जहाज बनाने के लिए किन चीजों की आवश्यकता होती है?<br />गोलू - जी, कागज़ और अकल की.Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-27810407643874194882009-03-28T00:12:00.000-07:002009-03-28T00:16:41.250-07:00मैंने सोचाप्रबंधक - तुम्हें मालूम है कि जो मूर्ति तुमने तोडी है वह 5०० साल पुरानी थी. <br />गोलू - चलो अच्छा हुआ, मैंने सोचा कि यह नयी और महँगी मूर्ति होगी.Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-25105822941869267362009-03-25T22:41:00.000-07:002009-03-25T22:44:19.445-07:00दवा पी ली थी क्या?मरीज डॉक्टर से - डॉक्टर साहेब, आप की दवा से मुझे कोई आराम नहीं हुआ. मेरी तवियत और भी खराब हो गयी. <br />डॉक्टर - तुमने दवा खा ली थी क्या? <br />मरीज - नहीं डॉक्टर साहब, दवा तो भरी थी. <br />डॉक्टर - अरे, तुमने दवा ली थी क्या?<br />मरीज - हाँ, डॉक्टर साहब, आप ने दवा दी थी और मैंने ली थी. <br />डॉक्टर - अरे, दवा पी ली थी क्या?<br />मरीज - नहीं डॉक्टर साहब, दवा तो लाल थी.<br />डॉक्टर - अरे, दवा को पी लिया था क्या ?<br />मरीज - नहीं डॉक्टर साहब, पीलिया तो मुझे था.<br />डॉक्टर - अरे यार, तुमने ढक्कन खोलकर मुह में दवा डाली थी क्या ? <br />मरीज - नहीं डॉक्टर साहब, आपने ही तो मना किया था कि सीसी का ढक्कन हमेशा बंद रखना. <br />डॉक्टर - तब तो तुम्हारा इलाज़ मै नहीं कर सकता. <br />मरीज - क्यों ?<br />डॉक्टर - क्योकि, तुम नासमझ हो. <br />मरीज - उस दिन एक केमिस्ट ने मुझे एक सलाह दी थी. <br />डॉक्टर - केमिस्ट तो कभी ठीक सलाह देते नहीं, लेकिन तुम बताओ क्या सलाह दी थी उसने? <br />मरीज - यही कि मै अपनी बिमारी का इलाज़ आप से कराऊं.Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-63081696216399015292009-02-16T03:13:00.000-08:002009-02-16T03:16:14.833-08:00साला, एक शेर नही ला सकता...<span style="font-size:130%;"></span><br /><p><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">एक दिन एक कुत्ता जंगल मैं रास्ता खो गया. तभी उसने देखा एक शेर उसकी तरफ़ आ रहा है. कुत्ते की साँस सूख गई. "आज तो काम तमाम मेरा!" उसने सोचा. फिर उसने सामने कुछ सूखी हड्डियाँ पड़ी देखि. वोह आते हुए शेर की तरफ़ पीठ कर के बैठ गया और एक सूखी हादी को चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से बोलने लगा, "वह! शेर को खाने का मज़ा ही कुछ और है. एक और मिल जाए तो पूरी दावत हो जायेगी!" और उसने ज़ोर से डकार मारा. इस बार शेर सकते में आ गया. उसने सोचा "ये कुत्ता तो शेर का शिकार करता है! जान बचा करा भागो!" और शेर वहां से चंपत हो गया। </span></span></p><p><br /><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">पेड़ पर बैठा एक बन्दर यह सब तमाशा देख रहा था. उसने सोचा यह मौका अच्छा है शेर को साडी कहानी बता देता हूँ – शेर से दोस्ती हो जायेगी और उससे ज़िन्दगी भर के लिए जान का खतरा दूर हो जाएगा. वोह फटाफट शेर के पीछे भगा. कुत्ते ने बन्दर को जाते हुए देख लिया और समझ गया की कोई लोचा है. उधर बन्दर ने शेर को सब बता दिया की कैसे कुत्ते ने उसे बेवकूफ बनाया है. शेर ज़ोर से दहाडा, "चल मेरे साथ अभी उसकी लीला कहातम करता हु" और बन्दर को अपनी पीठ पर बैठा कर शेर कुत्ते की तरफ़ लपका। </span></span></p><p><br /><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">कुत्ते ने शेर को आते देखा तो एक बार फिर उसकी तरफ़ पीठ करके बैठ गया और ज़ोर ज़ोर से बोलने लगा, "इस बन्दर को भेजे एक घंटा हो गया साला एक शेर फाँस कर नही ला सकता!"</span> </span></p><p><span style="font-size:78%;">wid.thx.to Amit </span></p>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-3552977662020592992009-01-09T00:08:00.000-08:002009-01-09T00:14:33.031-08:00मैं घर पर हूँ या नहीं?<span style="font-size:130%;color:#006600;"></span><br /><p><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">एक बार दो मालिक अपने बेवकूफ नौकरों की बेवकूफी की बात कर रहे थे। </span></span></p><p><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">एक ने कहा,' तुझे पता है, मेरा ड्राईवर कितना बेवकूफ है। </span></span></p><p><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">अपने नौकर की बेवकूफी दिखाने के लिए पहले मालिक ने अपने ड्राईवर को बुलाया और १०० रुपये का नोट देते हुए कहा, ' जा और एक कार खरीद कर ला'। </span></span></p><p><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">नौकर १०० रुपया ले कर चला गया। </span></span></p><p><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">अब पहले मालिक ने दुसरे से कहा,' देखा मेरा नौकर कितना बेवकूफ है। </span></span></p><p><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">इस पर दुसरे मालिक ने कहा,' बस, यह तो कुछ भी नहीं है। </span></span></p><p><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">ऐसा कहकर उसने अपने नौकर को बुलाया और कहा,' जा घर जाकर देखकर आ कि मैं घर पर हूँ कि नहीं??? </span></span></p><p><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">इतना सुनकर नौकर चला गया। </span></span></p><p><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">रास्ते में दोनों नौकर मिले और एक दुसरे को अपने मालिकों की बेवकूफी बताने लगे। </span></span></p><p><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">पहला बोला,' मेरा मालिक इतना बेवकूफ है कि १०० रुपये में खरीदने को कहता है लेकिन उसे पता नहीं कि आज सन्डे है और कार शोरूम बंद है। </span></span></p><p><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">इतना कहते ही दूसरा नौकर बोला,' मेरा मालिक तो इससे भी बेवकूफ है। </span></span></p><p><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">पहला बोला ,' वो कैसे ???' </span></span></p><p><span style="font-size:130%;"><span style="color:#006600;">इस पर पहला बोला, 'मेरे मालिक ने मुझे किराया देकर घर भेजा है और बोला है ,'घर जाकर देख कर आ, 'मैं घर पर हूँ या नहीं?? ....है न मेरा मालिक बेवकूफ, वरना मोबाइल से फ़ोन करके भी पूछ सकता था कि मैं घर पे हूँ या नहीं। </span></span></p>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-22741874844804128392009-01-03T00:08:00.000-08:002009-01-03T00:15:38.711-08:00पापा तो बिल्कुल गंजे हैं...एक फिल्म हीरोइन की निजी डायरी के अंश...<br />18 अक्टूबर : आज मैं पहली बार समुद्र यात्रा पर निकली... डर लग रहा था...<br />19 अक्टूबर : आज मैं हिम्मत करके पहली बार डेक तक गई, बहुत मज़ा आया...<br />20 अक्टूबर : आज जहाज़ के कप्तान ने मुझे कॉफी पिलाई और पूरा जहाज़ घुमाया...<br />21 अक्टूबर : आज कप्तान ने मुझे रात को अपने कमरे में आने का न्योता दिया, मैंने इन्कार कर दिया तो उसने पूरे जहाज़ को डुबो देने की धमकी दी...<br />22 अक्टूबर : आज मैंने 1500 लोगों की जान बचा ली... <a href="javascript:__doPostBack("></a><br />---------------------------------<br /><br />पुलिस में सिपाहियों की भर्ती के लिये साक्षात्कार के दौरान अभ्यर्थियों को एक व्यक्ति की तस्वीर दिखाते हुए साक्षात्कारकर्ता ने कहा - एक पुलिसवाले में निरीक्षण करने की शक्ति का होना बहुत आवश्यक है। इस चित्र को ध्यान से देखो और बताओ कि इसमें तुम्हें क्या खास बात दिखाई देती है?<br />पहले आवेदक ने कहा - इस आदमी के सिर्फ एक कान है।<br />साक्षात्कारकर्ता ने असंतुष्टि का भाव प्रदर्शित करते हुए कहा - तुम जा सकते हो।<br />दूसरा आवेदक आया और उसने भी वही जवाब दिया - यह एक कान वाला आदमी है।<br />बाहर निकल जाओ, …साक्षात्कारकर्ता चिल्लाया।<br />अब तीसरे आवेदक की बारी थी। पहले दो आवेदकों ने उसे बताया कि साक्षात्कारकर्ता को यह सुनना पसंद नहीं कि तस्वीर में जो आदमी है, उसका एक ही कान है। यह जानकारी लेकर तीसरा आवेदक साक्षात्कार कक्ष में प्रवेश कर गया।<br />पूछे जाने पर उसने पहले थोड़ी देर तक तस्वीर को घूरा फिर बोला - यह आदमी कॉन्टेक्ट लेंस पहनता है।<br />साक्षात्कारकर्ता इस नए निरीक्षण से प्रभावित हुआ, बोला, शाबाश! लेकिन मुझे बताओ कि तुमने यह जाना कैसे?<br />चूंकि इस आदमी के एक ही कान है, इसलिए वह चश्मा तो पहन ही नहीं सकता, …आवेदक ने जवाब दिया. <a href="javascript:__doPostBack("></a><br />--------------------------------<br /><br />दो व्यक्ति एक बार में बैठे थे... एक ने कहा, यार... मेरी फैमिली में बहुत प्रॉब्लम है... उसकी बात काटकर दूसरा बोला, पहले मेरी सुन! मैंने कुछ दिन पहले एक विधवा से शादी की, जिसकी एक बेटी थी। कुछ दिन बाद पता चला कि मेरे पिताजी को मेरी नई बीवी की बेटी से प्यार है और उन्होंने उससे शादी कर ली, जो अब मेरी ही बेटी थी। अब मेरे पिताजी मेरे दामाद बन गए और मेरी बेटी मेरी मां... और मेरी ही पत्नी मेरी नानी हो गई। फिर ज्यादा प्रॉब्लम तब हुई, जब मेरे बेटा हुआ... अब मेरा बेटा मेरी मां का भाई हो गया तो इस तरह मेरा मामा हो गया... परिस्थिति इससे भी ज़्यादा ख़राब हो गई, जब मेरे पिताजी को बेटा हुआ... अब मेरे पिताजी का लड़का यानी मेरा भाई मेरा ही धेवता (नाती) हो गया और इस तरह मैं खुद का ही दादा भी हो गया और खुद का ही पोता भी... <a href="javascript:__doPostBack("></a><br />----------------------------------<br /><br />बेटा (मम्मी से) - पापा तो बिल्कुल गंजे हैं।<br />मम्मी (बेटे से) - नहीं बेटा, ऐसा नहीं कहते। जानते हो, जिसके सिर पर बाल नहीं होते, वह बहुत ही होशियार इंसान होते हैं। बेटा - अच्छा, अब मैं समझा कि आपके सिर पर इतने बाल क्यों है।Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-37071137390608672132008-12-21T22:03:00.000-08:002008-12-21T22:04:51.018-08:00शादी से पहले<span style="font-size:130%;"></span><br /><p><span style="font-size:130%;">एक आदमी डॉक्टर से, "डॉक्टर साहब मेरे बच्चे ने पिछले सप्ताह एक चाबी निगल ली थी। प्लीज उसे बाहर निकाल दीजिए।"<br />डॉक्टर बोला, "तुम अपने बच्चे को एक सप्ताह पहले क्यों नहीं लाए।"<br />आदमी बोला,"उस समय हमारे पास उस ताले की डुप्लीकेट चाबी थी। इसने आज वह भी खा ली है।" </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">------------------------------------<br /><br />रामू हर रोज नए जूते पहनकर काम करने जाता था। </span></p><p><span style="font-size:130%;">रामू के मित्रों को रहा नहीं गया। </span></p><p><span style="font-size:130%;">उन्होंने रामू को पूछा, यार रामू क्या तुमने जूते की दुकान खोल रखी है जो रोज नए जूते पहनकर आते हो। </span></p><p><span style="font-size:130%;">रामू हंसकर बोला, नहीं यार मेरे घर के सामने नया मंदिर बन गया है। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">----------------------------------<br /><br />एक लड़के को सपने में किसी लड़की ने चप्पल मारी।<br />अगले दिन उसने अपना बैंक एकाउंट बंद करवा दिया।<br />क्योंकि बैंक में लिखा था,"हम आपके सपनों को हकीकत में बदल देंगे।" </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">---------------------------------<br /><br />एक सुनसान रास्ते पर कार अचानक रुक गई।<br />नौजवान ने अपने साथ बैठे हसीन हमसफर की ओर शरारत भरी नजर डाली और मुस्कुराकर बोला - पेट्रोल खत्म।<br />लड़की ने पीछे की सीट पर रखे अपने बैग से एक फ्लास्क निकालते हुए कहा - मुझे मालूम था, तुम ऐसा ही करोगे।<br />इस फ्लास्क में क्या है?, …कॉफी या जूस???, लड़के ने अपनी सीट पर आराम से पसरते हुए पूछा।<br />पेट्रोल, लड़की ने जवाब दिया। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">-------------------------------------<br /><br />एक शेर की शादी में एक चूहा जाकर नाचने लगा...<br />बारात में शामिल शेर इस बात से बहुत हैरान हुए...<br />काफ़ी देर बीत जाने पर भी जब चूहा नहीं रुका तो एक शेर ने जाकर उससे पूछा…<br />क्यों भाई, तुम एक शेर की शादी में क्यों नाच रहे हो, जबकि तुम एक चूहे हो...<br />चूहे ने तुंरत जवाब दिया - अरे, तुम नहीं समझोगे, दरअसल, शादी से पहले मैं भी शेर ही था... </span></p>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-22920089195343860762008-12-19T23:25:00.000-08:002008-12-19T23:27:19.913-08:00अब थोड़ा हंस लो...<span style="font-size:130%;"></span><br /><p><span style="font-size:130%;">एक लड़की मंदिर में जाकर भगवान के सामने हाथ जोड़कर कह रही थी , ' हे भगवान , पंजाब की राजधानी दिल्ली को बना दो।' </span></p><p><span style="font-size:130%;">तभी वहां एक पुजारी आया , उसने लड़की से पूछा , ' बेटी तुम ऐसा भगवान से क्यों मांग रही हो ?' </span></p><p><span style="font-size:130%;">लड़की , ' क्योंकि मैने एक्ज़ाम में पंजाब की राजधानी दिल्ली लिख दी है। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">----------------------------<br /><br />पुजारी, नाव वाले से : तुमने पढ़ाई-लिखाई की है ?<br />नाविक : नहीं<br />पुजारी : तो फिर तुम्हारी आधी जिंदगी बेकार चली गई।<br />पुजारी : अच्छा तुमने शादी की है ?<br />नाविक : नहीं<br />पुजारी : तब तो तुम्हारी आधे से भी कम जिंदगी बची है।<br />तभी नदी के बीच में पहुंचकर नाव डूबने लगती है।<br />नाविक : पुजारी जी , आपको तैरना आता है ?<br />पुजारी (घबराते हुए) : नहीं <br />नाविक : तब तो आपकी पूरी जिंदगी बेकार चली गई। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">---------------------------------<br /><br />अदालत में सरकारी वकील ने कहा: योर ऑनर, मुलजिम खुदकुशी की कोशिश करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। आत्महत्या करना संगीन जुर्म है।<br />इसके लिए मुलजिम को कम से कम फांसी की सजा दी जानी चाहिए, ताकि आइंदा कोई भी व्यक्ति सुइसाइड जैसा जुर्म करने से पहले 100 बार सोचे। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">-----------------------------------<br /><br />एक युवक नौकरी के लिये आवेदन पत्र भर रहा था। </span></p><p><span style="font-size:130%;">जब वह इस प्रश्न पर आया, 'क्या आप कभी गिरफ्तार किए गए हैं?' </span></p><p><span style="font-size:130%;">उसने लिखा, 'नहीं' </span></p><p><span style="font-size:130%;">अगला प्रश्न (जो उन लोगों के लिए था, जिन्होंने पहले प्रश्न का उत्तर हां में दिया है) था - 'कारण' ?.............. </span></p><p><span style="font-size:130%;">युवक ने जवाब लिखा, 'कभी पकड़ा नहीं गया।' </span><a href="javascript:__doPostBack("></a></p>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-57935458083764774472008-12-18T22:38:00.000-08:002008-12-18T22:42:14.447-08:00पगली, यह मंदिर नहीं...<p><span style="font-size:130%;">झबरू (गबरू से) - यार मेरी बीवी मु्झे और कुत्ते को एक ही नाम से बुलाती है। </span></p><p><span style="font-size:130%;">गबरू - तो कैसे पता चलता है किसे बुला रही है? </span></p><p><span style="font-size:130%;">झबरू - वह कुत्ते को प्यार से बुलाती है... </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">---------------------------------<br /><br />अपनी कविता सुनाने के बाद कवि महाशय बोले - आपको मेरी कविता पसंद आई ?<br />एक श्रोता बोला - मुझे उसका अंत काफी सुंदर लगा।<br />कवि - किस जगह ?<br />श्रोता - जब आपने कहा कि कविता समाप्त हुई। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">--------------------------------<br /><br />भिखारी: भगवान के नाम पर एक रुपया दे दे... </span></p><p><span style="font-size:130%;">आदमी: शर्म नहीं आती, सड़क पर खड़े होकर एक-एक रुपया मांग रहे हो। </span></p><p><span style="font-size:130%;">भिखारी: तो क्या तेरे एक रुपये के लिए ऑफिस खोल के बैठूं! </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">---------------------------------</span></p><p><span style="font-size:130%;">लड़का (लड़की से): जानेमन, इस दिल में आ जा ना! </span></p><p><span style="font-size:130%;">लड़की (लड़का से): सैडल निकालू क्या? </span></p><p><span style="font-size:130%;">लड़का : पगली, यह मंदिर नहीं...ऐसे ही आ जा। </span></p>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-19080536628530050992008-12-17T21:11:00.000-08:002008-12-17T21:17:11.912-08:00यमराज के दरबार में<p><span style="font-size:130%;">एक कुत्ता रोड एक्सीडेंट में मर गया। ऊपर यमराज के दरबार में पहुंचा, उसे देखकर कुत्ते ने दुम हिलाई, चमचागिरी किसे पसंद नहीं है, वह हंसे और बोले- अरे तुम तो समय से पहले आ गए हो। तुम्हें वापस भेज देता हूं। बोलो तुम्हें क्या चाहिए? </span></p><p><span style="font-size:130%;">कुत्ता बोला- मैं आदमी बन कर धरती पर जाना चाहता हूं। </span></p><p><span style="font-size:130%;">यमराज ने कहा- ये संभव नहीं है। </span></p><p><span style="font-size:130%;">कुत्ता बोला- तो पुलिसवाला बनाकर भेज दीजिए। </span></p><p><span style="font-size:130%;">यमराज हंसे और बोले- तथास्तु। </span></p><p><span style="font-size:130%;">-------------------------------------<br />एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से : भाई साहब, अगर आप मुझे 1000 रुपये उधार देंगे तो मैं जिन्दगी भर आपका आभारी रहूंगा। </span></p><p><span style="font-size:130%;">जवाब आया, 'इतने लम्बे समय के लिए मैं उधार नहीं दे सकता।' </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">----------------------------------</span></p><p><br /><span style="font-size:130%;">क्लास में टीचर ने एक बच्चे से पूछा : अगर मैं तुम्हारे पिताजी को 5000 रुपये दे दूं तो 5 प्रतिशत के ब्याज सहित 5 साल बाद मुझे कितने रुपये लौटाएंगे?<br />बच्चा : मैडम कुछ नहीं देंगे<br />टीचर : मुर्ख पांचवी क्लास में आ गए हो इतना भी नहीं जानते<br />बच्चा : मैडम मैं तो जानता हूं, लेकिन आप मेरे पिताजी को नहीं जानतीं। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">---------------------------------<br />एक बेरोजगार युवक ने इश्तहार देखा। जरूरत है एक नौकर की... ज्यादा काम नहीं है, इसलिए तनख्वाह नहीं मिलेगी, बस दो बार खाना मिलेगा। उसने सोचा बेरोजगार हूं। जब तक कोई दूसरा काम नहीं मिले तब तक यही काम करता हूं। कम से कम खाना तो मिलेगा। वह वहां गया तो मालिक बोला पुत्तर ऐसा करो ये टिफिन उठा के रोज गुरुद्वारे के लंगर में खाकर आया करो और मेरे लिए भी लाया करो। बस इतना ही काम है। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /></p><a href="javascript:__doPostBack("></a>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-78655595310247979732008-12-16T23:01:00.000-08:002008-12-16T23:09:58.420-08:00प्रभु बोले<span style="font-size:130%;"></span><br /><p><span style="font-size:130%;">एक गाड़ी के पीछे लिखा था, "सावन को आने दो।" </span></p><p><span style="font-size:130%;">दूसरी गाड़ी आई और जोरदार धक्का मारा। </span></p><p><span style="font-size:130%;">उस पर लिखा था- "आया सावन झूम के।" </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">--------------------------------------<br /><br />पिंकू : मम्मी , आज मेरे सभी दोस्त घर पर आ रहे हैं। मेरे सारे खिलौने छिपा दो। </span></p><p><span style="font-size:130%;">मम्मी : क्यों बेटा ? क्या तुम्हारे सारे दोस्त चोर हैं? </span></p><p><span style="font-size:130%;">पिंकू : नहीं, लेकिन वे अपने खिलौने पहचान लेंगे। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">----------------------------------<br /><br />झबरू रेडियो लेकर इलेक्ट्रॉनिक शॉप पहुंचे और चीखने लगे, "तुमने मुझे ठग लिया है।" </span></p><p><span style="font-size:130%;">दुकानदार : नहीं तो , मैंने तो आपको बढ़िया रेडियो बेचा था। </span></p><p><span style="font-size:130%;">झबरू : तुमने तो कहा था कि यह 'मेड इन जापान' है। </span></p><p><span style="font-size:130%;">दुकानदार : तो ? लेबल पर तो लिखा है। </span></p><p><span style="font-size:130%;">झबरू : लेकिन मैंने जैसे ही रेडियो ऑन किया इसमें से आवाज़ आई, ...यह 'ऑल इंडिया रेडियो' है। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">---------------------------------<br /><br />बस ड्राइवर और चर्च का पादरी मरने के बाद भगवान के पास पहुंचे।</span></p><p><span style="font-size:130%;">वहां ड्राइवर को स्वर्ग और पादरी को नर्क भेज देने का आदेश दिया गया। </span></p><p><span style="font-size:130%;">यह सुनकर पादरी बोला, 'ये कैसा न्याय है? </span></p><p><span style="font-size:130%;">ये ड्राइवर शराब पीकर गाड़ी चलाता था, खराब आदमी था, इसे स्वर्ग??? </span></p><p><span style="font-size:130%;">...और हे प्रभु! मैंने सारी जिन्दगी आपके गुणगान गाकर और लोगों को समझाकर गुजारे, मुझे नर्क, गलत है ये।' </span></p><p><span style="font-size:130%;">जवाब में प्रभु बोले, 'जब तुम चर्च में बोलते थे तो लोग बोर होकर सो जाते थे। </span></p><p><span style="font-size:130%;">जब ये ड्राइवर पीकर गाड़ी चलाता था तो बस में बैठे सब लोग डरकर मुझे सच्चे मन से याद करते थे... </span><a href="javascript:__doPostBack("></a></p>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-60068184809737571722008-12-15T21:18:00.000-08:002008-12-15T21:24:44.425-08:00चुटकुले<p><span style="font-size:130%;">एक परीक्षा में प्रश्न था, चैलेंज कैसे किया जाता है?<br />छात्र ने पूरा पेज खाली छोड़ दिया और नीचे लिखा, दम है तो पास करके दिखाओ। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">-----------------------------------------<br />टीचर छात्र से - तुम स्कूल लेट क्यों आए?<br />छात्र - सड़क पर एक आदमी का नोट गुम हो गया था।<br />टीचर - अच्छा, तो तुम उसकी मदद कर रहे थे।<br />छात्र - नहीं, मैं वहां से उसके जाने का इंतजार कर रहा था। नोट मेरे पैरों के नीचे जो<br />था। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">-----------------------------------------<br />बेटा: पापा, कंडोम क्या होता है...?<br />पापा (झेंपकर): पता नहीं, बेटे...<br />बेटा: इसीलिए तो हम सात भाई-बहन हैं... </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">---------------------------------------<br />गबरू - यार, मैं सोचता था कि इस दुनिया में सिर्फ मैं ही बेवकूफ हूं।<br />झबरू - क्यों, क्या हुआ?<br />गबरू - कल मैंने अपनी पत्नी को कश्मीरी सेब लाने को कहा था।<br />झबरू - तो क्या हुआ?<br />गबरू - आज कश्मीर से पत्नी का फोन आया कि उसने सेब खरीद लिए हैं। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><a href="javascript:__doPostBack("></a></p>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8138503322693120782.post-80649597131683923772008-12-11T21:09:00.000-08:002008-12-11T21:11:15.135-08:00गबरू - झबरू<span style="font-size:130%;">पति (पत्नी से)- क्यों न आज की चाय हम बाहर चलकर पिएं। </span><br /><span style="font-size:130%;">पत्नी (पति से)- क्यों? तुम्हें क्या लगता है कि मैं चाय बनाते-बनाते थक गई हूं। </span><br /><span style="font-size:130%;">पति- अरे नहीं, दरअसल मैं ही कप प्लेट धोते-धोते तंग आ गया हूं। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">-----------------------------------------<br /><br />जज (चोर से): तुमने दिनदहाड़े चोरी क्यों की? </span><br /><span style="font-size:130%;">चोर (जज से): क्या करूं साहब, रात को नींद जल्दी आ जाती है। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">---------------------------------------<br /><br />पति (पत्नी से) - फिर वही बैंगन, तुम्हें शायद मालूम नहीं कि ज्यादा बैंगन खाने से आदमी अगले जन्म में गधा बनता है।<br />पत्नी (पति से) - यह बात तो तुम्हें पिछले जन्म में सोचनी चाहिए थी। </span><a href="javascript:__doPostBack("></a><br /><span style="font-size:130%;">---------------------------------------------<br /><br />पानी का जहाज डूब रहा था। </span><br /><span style="font-size:130%;">गबरू (झबरू से पूछा) - यहां से पृथ्वी कितनी दूरी पर है? </span><br /><span style="font-size:130%;">झबरू (गबरू से) - एक किलोमीटर की दूरी पर। </span><br /><span style="font-size:130%;">गबरू ने पानी में छलांग लगा दी...<br />...और जब वह डूबने लगा, तो जोर से चिल्लाया - किस दिशा में जाऊ? </span><br /><span style="font-size:130%;">झबरू - नीचे की ओर…</span>Dr. Ravi Srivastavahttp://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com1